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अपने आप फुग्गा फुलने का जादू सीखें

[विज्ञान का चमत्कार]
(आइए जादू सिखे)
'अपने आप फुग्गा फुलना'
लेखक - डॉ मनितोष सरकार

सबसे पहले आपको बता दें कि जादू कोई तंत्र मंत्र से नहीं होता है, यह एक वैज्ञानिक पद्धति है, विज्ञान द्वारा कोई अजूबा चीज को दर्शाने को ही जादू कहते हैं, हम इस बार आपके सामने लाए हैं एक ऐसा ही आजूबा कला जो आपके दांतों तले उंगलियां ला देगा।
क्या आप यकीन कर सकते हैं कि कोई फुग्गा को बिना हवा डालें अपने आप फुल जाएगा । नहीं न, तो हम बताते हैं कि जादूगर ने बिना पंप अथवा मुंह से हवा भरे ही फुग्गा को फुला देते हैं।
जादूगर ने अपने बैग से दो फुग्गा निकाला और एक आपको दिया और एक अपने हाथ में रखा, आपको आपके हाथ में रखे फुग्गा को जादूगर ने फुलाने का आदेश दिया। आदेश के बाद आपने अपने हाथ में रखे हुए फुग्गा को मुंह से फुला लिया, उसके बाद जादूगर ने आपको अपने हाथ में रखे फुले हुए फुग्गा में से धीरे-धीरे हवा छोड़ने का आदेश दिया, आपने अपने हाथ में रखे फुग्गा में से धीरे-धीरे हवा छोड़ने लगा, तभी आप सब चकित होने लगेंगे, क्योंकि जैसे ही आपने अपने हाथ के फुग्गे का हवा निकालने लगे वैसे ही जादूगर के हाथ में रखे फुग्गा अपने आप फुलने लग जाता है, जबकि उस में किसी प्रकार का कोई कनेक्शन नहीं है।
क्या यह संभव हो सकते हैं..? नहीं ना, पर ऐसा संभव है, जब हम दुनिया के किसी भी कोने पर बैठे व्यक्ति से मोबाइल के माध्यम से बातें कर सकते हैं अथवा वीडियो कॉलिंग से एक दूसरे को देख कर बातें कर सकते हैं तो यह क्या चमत्कार से कम है। मोबाइल के आविष्कारक मार्टिन कूपर ने सन 1973 में पहली बार मोबाइल से बात की थी, इसमें तो किसी भी प्रकार के तंत्र मंत्र नहीं है फिर भी ऐसा कैसे हुआ, इसलिए हुआ कि यह एक साइंटिस्ट का कमाल है। आज साइंस ने अजीबोगरीब मशीनरी चीजें बनाई है जो आपने पहले कभी कल्पना भी नहीं कर सके थे।
पुराने जमाने में जिन ज्ञानियों को साइंस के बारे में जानकारी था वह साइंस के माध्यम से लोगों को चमत्कार दिखा कर वाहवाही लूटता था। लोग इस चमत्कार को दैवीय शक्ति अथवा तंत्र साधना समझ लेते थे, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है, यह सभी साइंस के माध्यम से ही हो सकता है या हुआ है।
तो आइए जानते हैं कि जादूगर के हाथ में रखे फुग्गे में उस व्यक्ति के फुग्गे से हवा कैसे पहुंचा, यह हैरान करने वाली बात के पीछे एक केमिकल छुपे हुए हैं, जिसे हम 'कार्बाइड' के नाम से जानते हैं, यह कार्बाइड फलों को पकाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसी कारण कार्बाइड से पहले जमाने में लैंप भी जलाया जाता था। इसका पूरा नाम सिलिकॉन कार्बाइड (SIC) अथवा कार्बोरंडम है। सिलिकॉन तथा कार्बन का यौगिक है। इसकी खोज एडवर्ड अॉचेसन ने सन् 18 91 में की थी।
इस जादू को दिखाने के लिए आपको चाहिए
(1) दो फुग्गे,
(2) थोड़ा सा रुई का टुकड़ा
(3) और छोटा सा कार्बाइड का टुकड़ा।
(यह सभी किराना दुकान पर उपलब्ध है)।
सबसे पहले आप दोनों फुग्गे में से एक फुग्गा के अंदर छोटा सा रुई के टुकड़ों को पानी में भिगोकर डाल दें, फिर कार्बाइड के टुकड़े को फुग्गा के नीचे फुग्गा के मुंह पर रख कर हाथ के दोनों अंगुलियों से दबाकर रखें, ध्यान रखें कार्बाइड के टुकड़े भीगे हुए रुई के संपर्क में ना आ सके। फिर एक साधारण फुग्गा किसी व्यक्ति के हाथ में देकर उसे मुंह से फुलाने  के लिए बोले, जब वह व्यक्ति फुग्गा को फुला लेगा तब उसे अपने फुग्गे में से धीरे-धीरे हवा छोड़ने के लिए बोले, उनके फुग्गे से धीरे-धीरे हवा छोड़ते ही आपने अपनी उंगली को धीरे से हरकत करते हुए कार्बाइड के टुकड़े को अंदर खिचका दे और उनके मुंह को दबा कर रख दें जिससे हवा बाहर ना निकल सके, कार्बाइड के टुकड़े अंदर जाते ही भीगे हुए रुई के संपर्क में आ जाएगा जिससे कार्बाइड से गैस उत्पन्न होगा और उसी गैस के माध्यम से आपके हाथ में रखे फुग्गा अपने आप फुलने लगेगा। ध्यान रखना होगा अधिक गैस भरने के कारण फुग्गा फुट ना जाए, इसलिए ज्यादा फूलने के पहले उंगली को ढीला कर कुछ गैस को बाहर निकाल दे। जादू समाप्त के बाद फुग्गा को अपने पास रख ले।

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