बिल गेट्स विश्व के धनी व्यक्ति में इनका नाम दूसरे नंबर पर आता है। फोब्र्स पत्रिका के अनुसार ये 17 सालों तक विश्व के धनी व्यक्ति कि सूचि में नंबर वन पर बने रहे।
प्रारंभिक जीवन
नाम :- विलियम हेनरी गेट्स
जन्म :- 28 अक्टूबर 1955
पिता :- विलियम एच. गेट्स
माता :- मैरी मैक्सवेल गेट्स
बिल गेट्स का जन्म 28 अक्टूबर 1955 को एक कुशल परिवार में हुआ। उनकी माता मैरी मैक्सवेल गेट्स और पिता विलियम एच. गेट्स।
उनके पिता एक प्रूख्यात वकील थे और उनकी माता युनाइटेड वे के अंतराज्यीय बैंक प्रणाली में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के पद पर कार्यरत थी और उनके नाना जे. डब्लू. मैक्सवेल राष्ट्रीय बैंक के अध्यक्ष थे। बिल गेट्स कि दो बहनें भी है बड़ी बहन का नाम र्खिस्ती और छोटी बहन का नाम लिब्बी है। वे अपने परिवार मे एक ही नाम के चौथे व्यक्ति थे।
13 साल की उम्र में उन्हे लेकसाइड स्कूल में दाखिला कराया गया जो उस वक्त का सबसे नामी स्कूल था उनकी माता उन्हे कानून कि शिक्षा देनी चाही पर बिल गेट्स का ध्यान तो आठवीं कक्षा से ही स्कूल के मदर क्लब ने जो रद्दी सामानों को बेचकर विधालय के छात्रों के लिए एक ए. एस. आर. - 33 टेलीपेथी टर्मिनल तथा जनरल इलैक्ट्रिक कंप्यूटर पर एक कंप्यूटर प्रोग्राम खरीदा था उसी पर उनका पूरा ध्यान लग गया कि यह किस तरह से काम करता है और प्रोग्राम को कैसे लेता है बस अब क्या था यही से दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति का जन्म हुआ उन्होंने अपनी टीचर से यह भी कहा कि जब वे 30 साल के होगे तब करोड़पति बन कर दिखाएगे और यकीन मानिये वे 31 साल कि उम्र में उनकी कड़ी मेहनत से वे अरबपति बन गए और 1995 से 2007 तक उनका नाम सबसे धनी व्यक्ति कि सूचि में नंबर वन पर रहा सन् 1973 में हार्वर्ड कॉलेज में उनका नमाकन हुआ स्कूल में उन्होंने 1600 मे से 1590 नंबर पाये थे पढ़ाई के दौरान ही कंप्यूटर प्रोग्राम बनाकर 4200 डॉलर कमा लिये थे तो किस तरह से उन्होंने यह मकाम हासिल किया जानते हैं ।
यह दौर शुरू होता है बिल गेट्स कि कामयाबी का जब वे आठवीं कक्षा में थे तभी उन्हे कंप्यूटर पर चल रहे प्रोग्राम के बारे में सोचा कि यह प्रोग्राम काम कैसे करता है वे स्कूल में ज्यादा वक्त कंप्यूटर लैब में ही बिताते थे एक बार तो उन्हे और उनके साथियों को कंप्यूटर प्रोग्राम से छेड़छाड़ करने की वजह से कंप्यूटर लैब में आने पर रोक लगा दी गई पर फिर उन्हे कंप्यूटर प्रोग्राम में एरर ढूढने के लिए कहा गया यहां तक कि वे एक प्रोग्राम जो उपयोगकरता को कंप्यूटर से खेल खेलने का अवसर प्रदान करता था उस टिक टेक टो मशीन पर उन्होंने अपना पहला प्रोग्राम लिखा । गेटस की शादी फ्रांसीसी मेलिंडा के साथ इलास टेक्सास में 1 जून 1994 को हुआ उनके तीन बच्चे है जेनिफर केथैराइन गेटस, रोरी जॉन गेटस, ओर फोएब अदेल गेटस।
बिल गेट्स मशीनों से सहज आकर्षित थे वे इंटेल 8080 जारी करने के बाद गेटस ने महसूस किया कि यही प्रथम कंप्यूटर चिप है उन्होने तय किया कि यही एक मोका है समय का फायदा उठाने का ओर उन्होने कंप्यूटर सॉफ्टवेयर कंपनी शुरू करने का फैसला किया ओर वर्ष 1975 में विश्व की सबसे बड़ी कंपनी माइक्रोसॉफ़्ट कि स्थापना की जो माइक्रो कंप्यूटर ओर सॉफ्टवर से मिलाकर इसका नाम माइक्रो - सॉफ्ट रखा गया। इसकी स्थापना अलबुकर्क मे की। इस तरह से माइक्रोसॉफ़्ट ने ओर उनके सही निर्णय लेने की कोशिश ही उन्हें इस मुकाम पर ला दिया था कि वे दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति की सूची में शामिल हो सके।
गेटस महसूस करने लगे कि लोगो कि क्या अपेक्षा है उनसे उन्होने अपनी कंपनी माइक्रोसॉफ़्ट के कुछ शेयर बेचकर सन् 1994 में विलियम एच गेट्स फ़ाउंडेशन बनाया ओर सन् 2000 में उन्होंने अपने कुछ शेयर बेचकर अपने तीनों ट्रस्ट को एक कर मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन नाम रखा जो दुनिया का सबसे बड़ा चेरिटी ट्रस्ट है, जो जरूरतमंद लोगों की मदद करती है।
बिल गेट्स ने अपने जीवन में कभी हार नहीं मानी, उनका हमेशा से ही ऐसा मानना था कि गलतियां तो सभी से होती है लेकिन उन गलतियों को जो सुधारने का प्रयास करे वही जीवन मे सफल हो पाता है।
मेरा तो यही मानना है कि बिल गेट्स आज भी दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति में नंबर वन पर ही है और उन्हे यह उनकी सोच ने बनाया है वे अपनी दोलत का सिर्फ कुछ हिस्सा ही अपने बच्चों के लिए देना चाहते हैं क्यूकि उनका मानना है कि इतनी दोलत किसी के बच्चों के हाथ में नहीं जानी चाहिए। यही कारण है कि बिल गेट्स आज भी दुनिया के सबसे अमीर आदमी की सूची में नंबर वन पर है।
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प्रारंभिक जीवन
नाम :- विलियम हेनरी गेट्स
जन्म :- 28 अक्टूबर 1955
पिता :- विलियम एच. गेट्स
माता :- मैरी मैक्सवेल गेट्स
बिल गेट्स का जन्म 28 अक्टूबर 1955 को एक कुशल परिवार में हुआ। उनकी माता मैरी मैक्सवेल गेट्स और पिता विलियम एच. गेट्स।
उनके पिता एक प्रूख्यात वकील थे और उनकी माता युनाइटेड वे के अंतराज्यीय बैंक प्रणाली में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के पद पर कार्यरत थी और उनके नाना जे. डब्लू. मैक्सवेल राष्ट्रीय बैंक के अध्यक्ष थे। बिल गेट्स कि दो बहनें भी है बड़ी बहन का नाम र्खिस्ती और छोटी बहन का नाम लिब्बी है। वे अपने परिवार मे एक ही नाम के चौथे व्यक्ति थे।
13 साल की उम्र में उन्हे लेकसाइड स्कूल में दाखिला कराया गया जो उस वक्त का सबसे नामी स्कूल था उनकी माता उन्हे कानून कि शिक्षा देनी चाही पर बिल गेट्स का ध्यान तो आठवीं कक्षा से ही स्कूल के मदर क्लब ने जो रद्दी सामानों को बेचकर विधालय के छात्रों के लिए एक ए. एस. आर. - 33 टेलीपेथी टर्मिनल तथा जनरल इलैक्ट्रिक कंप्यूटर पर एक कंप्यूटर प्रोग्राम खरीदा था उसी पर उनका पूरा ध्यान लग गया कि यह किस तरह से काम करता है और प्रोग्राम को कैसे लेता है बस अब क्या था यही से दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति का जन्म हुआ उन्होंने अपनी टीचर से यह भी कहा कि जब वे 30 साल के होगे तब करोड़पति बन कर दिखाएगे और यकीन मानिये वे 31 साल कि उम्र में उनकी कड़ी मेहनत से वे अरबपति बन गए और 1995 से 2007 तक उनका नाम सबसे धनी व्यक्ति कि सूचि में नंबर वन पर रहा सन् 1973 में हार्वर्ड कॉलेज में उनका नमाकन हुआ स्कूल में उन्होंने 1600 मे से 1590 नंबर पाये थे पढ़ाई के दौरान ही कंप्यूटर प्रोग्राम बनाकर 4200 डॉलर कमा लिये थे तो किस तरह से उन्होंने यह मकाम हासिल किया जानते हैं ।
यह दौर शुरू होता है बिल गेट्स कि कामयाबी का जब वे आठवीं कक्षा में थे तभी उन्हे कंप्यूटर पर चल रहे प्रोग्राम के बारे में सोचा कि यह प्रोग्राम काम कैसे करता है वे स्कूल में ज्यादा वक्त कंप्यूटर लैब में ही बिताते थे एक बार तो उन्हे और उनके साथियों को कंप्यूटर प्रोग्राम से छेड़छाड़ करने की वजह से कंप्यूटर लैब में आने पर रोक लगा दी गई पर फिर उन्हे कंप्यूटर प्रोग्राम में एरर ढूढने के लिए कहा गया यहां तक कि वे एक प्रोग्राम जो उपयोगकरता को कंप्यूटर से खेल खेलने का अवसर प्रदान करता था उस टिक टेक टो मशीन पर उन्होंने अपना पहला प्रोग्राम लिखा । गेटस की शादी फ्रांसीसी मेलिंडा के साथ इलास टेक्सास में 1 जून 1994 को हुआ उनके तीन बच्चे है जेनिफर केथैराइन गेटस, रोरी जॉन गेटस, ओर फोएब अदेल गेटस।
बिल गेट्स मशीनों से सहज आकर्षित थे वे इंटेल 8080 जारी करने के बाद गेटस ने महसूस किया कि यही प्रथम कंप्यूटर चिप है उन्होने तय किया कि यही एक मोका है समय का फायदा उठाने का ओर उन्होने कंप्यूटर सॉफ्टवेयर कंपनी शुरू करने का फैसला किया ओर वर्ष 1975 में विश्व की सबसे बड़ी कंपनी माइक्रोसॉफ़्ट कि स्थापना की जो माइक्रो कंप्यूटर ओर सॉफ्टवर से मिलाकर इसका नाम माइक्रो - सॉफ्ट रखा गया। इसकी स्थापना अलबुकर्क मे की। इस तरह से माइक्रोसॉफ़्ट ने ओर उनके सही निर्णय लेने की कोशिश ही उन्हें इस मुकाम पर ला दिया था कि वे दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति की सूची में शामिल हो सके।
गेटस महसूस करने लगे कि लोगो कि क्या अपेक्षा है उनसे उन्होने अपनी कंपनी माइक्रोसॉफ़्ट के कुछ शेयर बेचकर सन् 1994 में विलियम एच गेट्स फ़ाउंडेशन बनाया ओर सन् 2000 में उन्होंने अपने कुछ शेयर बेचकर अपने तीनों ट्रस्ट को एक कर मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन नाम रखा जो दुनिया का सबसे बड़ा चेरिटी ट्रस्ट है, जो जरूरतमंद लोगों की मदद करती है।
बिल गेट्स ने अपने जीवन में कभी हार नहीं मानी, उनका हमेशा से ही ऐसा मानना था कि गलतियां तो सभी से होती है लेकिन उन गलतियों को जो सुधारने का प्रयास करे वही जीवन मे सफल हो पाता है।
मेरा तो यही मानना है कि बिल गेट्स आज भी दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति में नंबर वन पर ही है और उन्हे यह उनकी सोच ने बनाया है वे अपनी दोलत का सिर्फ कुछ हिस्सा ही अपने बच्चों के लिए देना चाहते हैं क्यूकि उनका मानना है कि इतनी दोलत किसी के बच्चों के हाथ में नहीं जानी चाहिए। यही कारण है कि बिल गेट्स आज भी दुनिया के सबसे अमीर आदमी की सूची में नंबर वन पर है।
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